How To Choose A Cricket Bat in Hindi | अच्छे क्रिकेट कर्रिएर के लिए सही बल्ला ज़रूरी
हेलो दोस्तों! दोस्तों पिछले ब्लॉग में हम आपको बता चुके है कि इंग्लिश विलो बैट और कश्मीर विलो बैट में क्या अंतर होता है। सबसे बड़ा अंतर दोनों बैट की कीमतों में ही देखने को मिलता है। अक्सर लोग जब भी बैट खरीदने जाते है, तो जो बैट उन्हें दिखने में अच्छा और स्टाइलिश लगता है उसे खरीद लेते है। एक साधारण व्यक्ति बैट की बारीकियों के बारे में ज्यादा नहीं जानता। लेकिन अगर आप क्रिकेट को प्रोफेशनली सीखना चाहते है या इसी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते है तो आपको बैट चुनने का सही ढंग पता होना चाहिए।How To Choose A Cricket Bat in Hindi |
आज हम आपको बताएंगे कि बैट चुनते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए: घर से लेकर निकलें ये जरुरी सामान बैट खरीदने जाने से पहले आपको कुछ तैयारी करनी पड़ती है। बैट खरीदते समय ग्लव्स की भूमिका बहुत अहम होती है इसलिए अपने बैटिंग ग्लव्स हमेशा साथ लेकर ही घर से निकलें। अगर आप अभी क्रिकेट सीख रहे है और आपके पास ग्लव्स नहीं है तो आप दुकानदार से भी ग्लव्स मांग सकते है। इसके अलावा अपना पुराना बैट भी घर से साथ लेकर निकलें।
अगर आप पहली बार बैट खरीदने जा रहे है तो अपने कोच या किसी सीनियर प्लेयर को साथ लेकर निकलें। वह आपको अच्छा बैट चुनने में मदद करेगा। साइज़ का रखें खास ध्यान अधिकतर लोग नहीं जानते बैट में भी कई प्रकार के साइज़ होते है। बैट में 1 से लेकर 6 नम्बर तक अलग अलग साइज़ के बैट होते है।
विभिन्नसाइज़ के बैट की लंबाई केअलावा चौड़ाई और मोटाई में भी भी अंतर होता है। आपको अपने कद के अनुसार सही बैट चुनना बहुत जरुरी है। अगर आपने गलत साइज़ के बैट से खेलना शुरु कर दिया तो करियर के शुरुआत में ही आपकी बल्लेबाजी की तकनीक खराब हो सकती है, जिसे बाद में सुधारना काफी मुश्किल होता है। नीचे दिए गए बैट साइज़ चार्ट के अनुसार ही आपको सही बैट चुनना चाहिए।
How To Choose A Cricket Bat in Hindi |
नम्बर ऑफ ग्रेन्स पर ना दें ज्यादा ध्यान अक्सर लोग बैट खरीदते समय नम्बर ऑफ ग्रेन्स को लेकर सवाल पूछते नज़र आते है। जो इस तरह के सवाल पूछते है उन्हें बैट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती। नम्बर ऑफ ग्रेन्स से बैट बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी की उम्र का पता चलता है। ज्यादा नम्बर ऑफ ग्रेन्स का मतलब है कि बैट पुराने पेड़ की लकड़ी से बना है। वहीं कम नम्बर ऑफ ग्रेन्स का मतलब है कि बैट बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी नई है। नई लकड़ी से बना बैट थोड़ा फ्लैक्सिबल होता है और उसकी लाइफ भी पुराने बैट से ज्यादा मानी जाती है।
लेकिन फिर भी प्रोफेशनल ज्यादा नम्बर ऑफ ग्रेन्स वाला बैट ही खरीदना पसन्द करते है। ऐसा इसलिए क्योंकि कम नम्बर ऑफ ग्रेन वाले बैट की थ्रो निकलने में ज्यादा वक्त लगता है। सही वजन का बैट चुनना है जरुरी बैट खरीदते समय कभी भी पहले से यह सोचकर ना जाएं कि मुझे इतने वजन तक का ही बैट खरीदना है। सबसे पहले आप कुछ बैट पसन्द कर लें।
उसके बाद ग्लव्स पहनकर अपने सभी शॉर्ट्स पसन्द किये बैट से खेलकर देखे। खासतौर पर कट, पुल और ड्राइव शॉर्ट जरुर खेलकर देखें। किसी भी तरह के शॉर्ट में आपको बैट का वजन ज्यादा फील नहीं होना चाहिए। अगर आपको बैट का वजन हाथों में ज्यादा महसूस हो रहा है तो आप मैदान पर ज्यादा देर तक बल्लेबाजी नहीं कर पाएंगे। हां, बैट पसन्द करने के बाद अपनी मन की संतुष्टि के लिए बैट का वजन करके देख सकते है।
बॉल और बल्ले के बीच आएं कड़क आवाज बैट पसन्द करने के बाद उसकी क्लालिटी देखने के लिए एक थोड़ी यूज़ की हुई क्रिकेट बॉल से कुछ शॉर्ट लगाकर देखें। इसके अलावा आप बैट को हाथ में सीधा लेकर बॉल को उस पर टैप करके भी क्लालिटी की जांच कर सकते है। बॉल टैप करते समय अपनी पावर का ज्यादा इस्तेमाल ना करें। अगर बॉल हवा में अच्छे से उछल रही है तो बैट अच्छी क्वालिटी का है। इसके विपरीत अगर बॉल को हवा में उछालने के लिए आपको ज्यादा जोर लगाना पड़ रहा है तो खेल के दौरान आप ज्यादा लंब शॉर्ट नहीं खेल पाएंगे।
बॉल टैप करते समय बैट में से एक कड़क आवाज़ का आना भी बहुत जरुरी है। दोस्तों अब आप जान गए है कि सही बैट चुनते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना है। अगली बार बैट खरीदते समय इस जानकारी को अपने ध्यान में रखिए। ऐसा करने से आप कभी भी सही बैट चुनने में गलती नहीं करेंगे।
Thank you sir really good information ...
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